तन्हाई के पलों में, मैं अपने आप से बातें करता हूँ, अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें हफ़ीज़ जालंधरी टैग : दोस्त शेयर कीजिए जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दी मुझे। हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। युवा पीढ़ी https://youtu.be/Lug0ffByUck