1

तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

News Discuss 
तन्हाई के पलों में, मैं अपने आप से बातें करता हूँ, अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें हफ़ीज़ जालंधरी टैग : दोस्त शेयर कीजिए जब तेरे होते हुए भी किसी और ने तसल्ली दी मुझे। हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। युवा पीढ़ी https://youtu.be/Lug0ffByUck

Comments

    No HTML

    HTML is disabled


Who Upvoted this Story